लेखनी प्रतियोगिता -17-Nov-2022 भगवान की बात
शीर्षक- भगवान की बात
हे मानव तू है एहसान फरामोशी,
जब दुख की माया तुझ पर डोली,
तब तूने मेरी माला पिरोई।
दिन-रात करके भक्ति,
मेरे दिल में जगह बनाई,
पता नहीं था तू बनेगा स्वार्थी।
जब मैंने तेरी काया पलटी,
बन गया तू मतलबी,
ताक में रख दी मेरी भक्ति।
रंग से बनाया राजा,
जब से तुझ में घमंड छाया,
मुझको भी तू ने भुलाया।
जब तुझ पर दुःख का बादल गरजा,
दिन-रात करती थी मेरी साधना,
मुख पर था मेरा ही नाम।
जब से सुख ने दी आहट,
भूल गया मेरी चाहत,
तोड़ दिया मेरा विश्वास।
भगवान को ना भूलो कभी,
जो करता तुम्हारा हित,
ना करो उससे परहित।
जो बनता तुम्हारा सहायक,
कभी न भूलो उसका एहसान,
क्योंकि उस समय बना वो भगवान।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Haaya meer
18-Nov-2022 04:57 PM
Amazing
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Muskan khan
18-Nov-2022 04:37 PM
Well done 👍
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Ayshu
18-Nov-2022 09:56 AM
Bahut khub
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